Ek Manzil Rahi Do

एक मंज़िल, राही दो, फिर प्यार ना कैसे हो?
फिर प्यार ना कैसे हो?
साथ मिले जब दिल को, फिर प्यार ना कैसे हो?
फिर प्यार ना कैसे हो?

हम भी वो ही हैं, दिल भी वो ही है, धड़कन मगर नई है
देखो तो, मीत, आँखों में प्रीत क्या रंग भर गई है?
हाँ, क्या रंग भर गई है?

एक मंज़िल, राही दो, फिर प्यार ना कैसे हो?
फिर प्यार ना कैसे हो?

निकले हैं धुन में, अपनी लगन में, मंज़िल बुला रही है
ठंडी हवा भी अब तो मिलन के नग़्मे सुना रही है
ओ, नग़्मे सुना रही है

एक मंज़िल, राही दो, फिर प्यार ना कैसे हो?
फिर प्यार ना कैसे हो?

देखो वो फूल, दुनिया से दूर आ कर कहाँ खिला है
ओ, मेरी तरह ये ख़ुश है, ज़रूर इसको भी कुछ मिला है
हाँ, इसको भी कुछ मिला है

एक मंज़िल, राही दो, फिर प्यार ना कैसे हो?
फिर प्यार ना कैसे हो?
साथ मिले जब दिल को, फिर प्यार ना कैसे हो?
फिर प्यार ना कैसे हो?

फिर प्यार ना कैसे हो?
फिर प्यार ना कैसे हो?



Credits
Writer(s): Rajinder Krishan, Madan Mohan
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