Ek Mithi Si Chubhan

एक मीठी सी चुभन, एक ठंडी सी अगन

मैं आज पवन में पाऊँ, आज पवन में पाऊँ
एक मीठी सी चुभन, एक ठंडी सी अगन
मैं आज पवन में पाऊँ

मन ही मन में नाच रही हूँ...
मन ही मन में नाच रही हूँ, मन ही मन मुस्काऊँ
क्योंकि मीठी-मीठी सी चुभन, ठंडी-ठंडी सी अगन
मैं आज पवन में पाऊँ

जाग उठा है प्यार, झुमे सब संसार
जाग उठा है प्यार, झुमे सब संसार
अँगड़ाई लेते हैं सपने, अंगड़ाई लेते है सपने
धर के रूप हज़ार, नाच उठा है प्यार
आज मेरा झूम रहा संसार, आज मेरा झूम रहा संसार

मन का आँगन जो सूना था, मन का आँगन जो सूना था
आयी है उसमें बहार
कंगना, पायल, कंगनवा खनके, पायल छमके
लट उलझी सुलझाऊँ, शर्माऊँ, मुस्काऊँ

क्योंकि मीठी-मीठी सी चुभन, एक ठंडी-ठंडी सी अगन
मैं आज पवन में पाऊँ, आज पवन में पाऊँ

ऐ, मेरे भगवान, इतना कर एहसान
ऐ, मेरे भगवान, इतना कर एहसान
ये रसवंती हवा कहीं ना...
ये रसवंती हवा कहीं ना बन जाए तूफ़ाँ

प्यार मेरा नादान, मन भी है अनजान
जल ना जाए बैर अगन में...
जल ना जाए बैर अगन में जीवन के वरदान
धीरज भागे, चिंता जागे, धीरज भागे, चिंता जागे
मन ही मन घबराऊँ, घबराऊँ, घबराऊँ, hmm



Credits
Writer(s): Jaidev, Uddhav Kumar
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