Jab Se Lagan Lagayee

हाय

जब से लगन लगाई रे
उमर भर नींद ना आई रे, उमर भर
जब से लगन लगाई रे
उमर भर नींद ना आई रे, उमर भर

साथी छोड़े, संगी छोड़े
जनम-जनम के बँधन तोड़े, जनम-जनम के
साथी छोड़े, संगी छोड़े
जनम-जनम के बँधन तोड़े

बदनामी से रिश्ते जोड़े
बदनामी से रिश्ते जोड़े

तब तुझ तक आ पाई रे
ना कर अब तो निठुराई रे, ना कर अब
ना कर अब तो निठुराई रे
ना कर अब तो निठुराई रे

उमर भर नींद ना आई रे, उमर भर
जब से लगन लगाई गई
उमर भर नींद ना आई रे, उमर भर

मन की कुटिया सूनी-सूनी
देह बने चंदन की धूनी
मन की कुटिया सूनी-सूनी
देह बने चंदन की धूनी

बहुत हुई अब आँख-मिचोली
बहुत हुई अब आँख-मिचोली

अब तो ले सुनवाई रे
सुबह संध्या बन आई
सुबह संध्या बन आई रे

उमर भर नींद ना आई रे, उमर भर
सुबह संध्या बन आई रे
उमर भर नींद ना आई रे, उमर भर
जब से लगन लगाई रे
उमर भर (नींद ना आई, हाय-हाय, नींद ना आई)

जब से लगन लगाई गई (ओए-होए, नींद ना आई, नींद ना आई)
जब से लगन लगाई गई रे (हाय-हाय, नींद ना आई, ओए-होए, नींद ना आई)
जब से लगन लगाई गई (नींद ना आई, हाय-हाय, नींद ना आई, होए-होए, नींद ना आई)
जब से... (नींद–)



Credits
Writer(s): Neeraj, Jaidev
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