Teri Tasveer Ko

पोथी पढ़-पढ़ जग मुआ, पंडित भया न कोय
ढाई अक्षर प्रेम का पढ़े सो पंडित होय

तेरी तस्वीर को सीने से लगा रखा है
तेरी तस्वीर को सीने से लगा रखा है
तेरी तस्वीर को सीने से लगा रखा है
हमने दुनिया से अलग गाँव बसा रखा है
तेरी तस्वीर को सीने से लगा रखा है

मेरी क़िस्मत की लकीरों को सजाया तूने
एक नाचीज़ को फ़नकार बनाया तूने

मैंने हर बोल तेरा दिल में सजा रखा है
हमने दुनिया से अलग गाँव बसा रखा है
तेरी तस्वीर को सीने से लगा रखा है

मैंने गीतों से छवि तेरी बनाई बरसों
दूर रहकर तुझे आवाज़ सुनाई बरसों

किस लिए तूने मुझे ग़ैर बना रखा है?
हमने दुनिया से अलग गाँव बसा रखा है
तेरी तस्वीर को सीने से लगा रखा है

तुझको दिन-रात ख़यालों में है पूजा मैंने
तेरे पैरों के निशाँ पर किया सजदा मैंने

बंदगी में तेरी सर अब भी झुका रखा है
हमने दुनिया से अलग गाँव बसा रखा है
तेरी तस्वीर को सीने से लगा रखा है



Credits
Writer(s): Rajkamal, Fauq Zami
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