Parwanon Ki Raah Mein

परवानों की राह में, दीवानों की चाह में
जलूँ और जलाऊँ, मोहब्बत निभाऊँ
जलूँ और जलाऊँ, मोहब्बत निभाऊँ
मेरा बस यही काम है

परवानों की राह में, दीवानों की चाह में
जलूँ और जलाऊँ, मोहब्बत निभाऊँ
जलूँ और जलाऊँ, मोहब्बत निभाऊँ
मेरा बस यही काम है

लाख कहूँ मैं, "दिलवालों, इधर ना आना
पास से गुज़रो तो दामन बचा के जाना"
लाख कहूँ मैं, "दिलवालों, इधर ना आना
पास से गुज़रो तो दामन बचा के जाना"

मैं मीठी तपन हूँ, मचलती अगन हूँ
नहीं है ये दिन, शाम है

परवानों की राह में, दीवानों की चाह में
जलूँ और जलाऊँ, मोहब्बत निभाऊँ
मेरा बस यही काम है

शाम से ही मेरी दुनिया बदलती जाए
अरमानों की ये बस्ती मचलती जाए
शाम से ही मेरी दुनिया बदलती जाए
अरमानों की ये बस्ती मचलती जाए

अचानक उठूँ मैं, थिरकने लगूँ मैं
ये हर दिन का अंजाम है

परवानों की राह में, दीवानों की चाह में
जलूँ और जलाऊँ, मोहब्बत निभाऊँ
मेरा बस यही काम है

रात में जब देखा मुझको तो जलते देखा
महफ़िल का हर रंग मैंने बदलते देखा
रात में जब देखा मुझको तो जलते देखा
महफ़िल का हर रंग मैंने बदलते देखा

सहर मुस्कुराई तो आवाज़ आई
ये बस आख़िरी जाम है

परवानों की राह में, दीवानों की चाह में
जलूँ और जलाऊँ, मोहब्बत निभाऊँ
मेरा बस यही काम है



Credits
Writer(s): Shailendra, Jaikshan Shankar
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