Kabhi Kabhi Mere Dil Mein

कभी-कभी मेरे दिल में ख्याल आता है
कभी-कभी मेरे दिल में ख्याल आता है
कि जैसे तुझको बनाया गया है मेरे लिए
कि जैसे तुझको बनाया गया है मेरे लिए

तू अब से पहले सितारों में बस रही थी कहीं
तू अब से पहले सितारों में बस रही थी कहीं
तूझे ज़मीं पे बुलाया गया है मेरे लिए
तूझे ज़मीं पे बुलाया गया है मेरे लिए

कभी-कभी मेरे दिल में ख्याल आता है
कि ये बदन ये निग़ाहें मेरी अमानत हैं
कि ये बदन ये निग़ाहें मेरी अमानत हैं
ये गेशुओं की घनी छांव है मेरी खातिर
ये होंठ और ये बाहें मेरी अमानत हैं
ये होंठ और ये बाहें मेरी अमानत हैं

कभी-कभी मेरे दिल में ख्याल आता है
कि जैसे बजती हैं शहनाईयाँ सी राहों में
कि जैसे बजती हैं शहनाईयाँ सी राहों में
सुहागरात है घूँघट उठा रहा हूँ मैं
सुहागरात है घूँघट उठा रहा हूँ मैं
सिमट रही है तू शर्मा के अपनी बाहों में
सिमट रही है तू शर्मा के अपनी बाहों में

कभी-कभी मेरे दिल में ख्याल आता है
कि जैसे तू मुझे चाहेगी उम्र भर यूँ ही
उठेगी मेरी तरफ प्यार की नज़र यूँ ही

मैं जानता हूँ कि तू ग़ैर है मगर यूँ ही
मैं जानता हूँ कि तू ग़ैर है मगर यूँ ही
कभी-कभी मेरे दिल में ख्याल आता है



Credits
Writer(s): Khayyam, Sahir Ludhiyanvi
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