Mujhe Naulakha Mangawa De Re, Pt. 1

अंग-अंग तेरा रंग रचा के ऐसा करूँ सिंगार
जब-जब झाँझर झनकाऊँ मैं, खनके मन के तार

मुझे नौलखा मँगा दे रे, ओ, सैयाँ, दीवाने
मुझे नौलखा मँगा दे रे, ओ, सैयाँ, दीवाने

माथे पे झूमर, कानों में झुमका
पाँव में पायलिया, हाथों में हो कँगना

मुझे नौलखा मँगा दे रे, ओ, सैयाँ, दीवाने

तुझे मैं, तुझे मैं...
तुझे गले से लगा लूँगी, ओ सैयाँ, दीवाने
मुझे अँगिया सिला दे रे, ओ, सैयाँ, दीवाने

तुझे मैं, तुझे मैं...
तुझे सीने से लगा लूँगी, ओ, सैयाँ, दीवाने
मुझे नौलखा मँगा दे रे, ओ, सैयाँ, दीवाने

(गा-मा-गा, पा-मा-मा)
(गा-मा-गा, पा-मा-मा, गा-मा-गा, रे-गा-रे)
(गा-मा-गा, पा-मा-मा)
(गा-मा-गा, पा-मा-मा, गा-मा-गा, रे-गा-रे)

सलमा-सितारों की झिलमिल चुनरिया
आऊँ पहन के तो फिसले नजरिया
मुझको सजा दे, बलमा, सजा दे
मुझको सजा दे, बलमा

कोरी-कुँवारी, ये कमसिन उमरिया
तेरे लिए नाचे सज के, सँवरिया
लाली मँगा दे, सजना, सूरज से
लाली मँगा दे, सजना

तुझे मैं, तुझे मैं...
तुझे होंठों से लगा लूँगी, ओ, सैयाँ, दीवाने
तुझे होंठों से लगा लूँगी, ओ, सैयाँ, दीवाने
मुझे नौलखा मँगा दे रे, ओ, सैयाँ, दीवाने

मैं तो सारी उमरिया लुटाए बैठी
बलमा, दो अँखियों की शरारत में
मैं तो जन्मों का सपना सजाए बैठी
सजना, खोके तेरी मोहब्बत में

माना रे, माना, ये अब मैंने माना
होता है क्या, सैयाँ, दिल का लगाना
रोके ये दुनिया, या रूठे ज़माना
जाना है मुझको, सजन घर जाना

हो, जैसे गजरा हँसे, जैसे कजरा हँसे
हो, जैसे गजरा हँसे, जैसे कजरा हँसे
वैसे अँखियों में तुम मुस्कुराना, हो

किरणों से ये माँग मेरी सजा दे
पूनम के चंदा की बिंदिया मँगा दे

तुझे मैं, तुझे मैं...
तुझे माथे पे सजा लूँगी, ओ, सैयाँ, दीवाने
तुझे माथे पे सजा लूँगी, ओ, सैयाँ, दीवाने

माथे पे झूमर, कानों में झुमका
पाँव में पायलिया, हाथों में हो कँगना

मुझे नौलखा मँगा दे रे, ओ, सैयाँ, दीवाने
तेरे क़दमों पे छलका दूँगी मैं सारे मय-खाने

लोग कहते हैं, मैं शराबी हूँ
लोग कहते हैं, मैं शराबी हूँ
तुमने भी शायद ये ही सोच लिया, हाँ
लोग कहते हैं, मैं शराबी हूँ

किसी पे हुस्न का ग़ुरूर, जवानी का नशा
किसी के दिल पे मोहब्बत की रवानी का नशा
किसी को देख के साँसों से उभरता है नशा
बिना पिए भी कहीं हद से गुज़रता है नशा

नशे में कौन नहीं है, मुझे बताओ ज़रा?
किसे है होश, मेरे सामने तो लाओ ज़रा
नशा है सब पे, मगर, रंग नशे का है जुदा

खिली-खिली हुई सुबह पे है शबनम का नशा
हवा पे ख़ुशबू का, बादल पे है रिमझिम का नशा
कहीं सुरूर है खुशियों का, कहीं ग़म का नशा

नशा शराब में होता तो नाचती बोतल
मय-क़दे झूमते, पैमानों में होती हलचल
नशा शराब में होता तो नाचती बोतल

नशे में कौन नहीं है, मुझे बताओ ज़रा?
नशे में कौन नहीं है, मुझे बताओ ज़रा?

लोग कहते हैं, मैं शराबी हूँ
लोग कहते हैं, मैं शराबी हूॅं
तुमने भी शायद ये ही सोच लिया, हाँ
लोग कहते हैं, मैं शराबी हूँ

थोड़ी आँखों से पिला दे रे, सजनी, दीवानी
थोड़ी आँखों से पिला दे रे, सजनी, दीवानी

तुझे मैं, तुझे मैं...
तुझे साँसों में बसा लूँगा, सजनी, दीवानी
तुझे नौलखा मँगा दूँगा, सजनी, दीवानी
तुझे नौलखा मँगा दूँगा, सजनी, दीवानी



Credits
Writer(s): Anjaan, Bappi Lahiri
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