Suno Kaho Suna

सुनो (कहो), कहा (सुना)
कुछ हुआ क्या? (अभी तो नहीं)
Hmm, कुछ भी नहीं

सुनो (कहो), अरे, कहा (सुना)
कुछ हुआ क्या? (हो, अभी तो नहीं)
कुछ भी नहीं

अरे, चली (हवा), झुकी (घटा)
कुछ हुआ क्या? (hmm)
अभी तो नहीं, कुछ भी नहीं

तेरी क़सम, ये दिलकश नज़ारे
करते हैं इशारे, जो समझे कोई
मेरे सनम, ये खामोश आँखें
भी करती हैं बातें, जो समझे कोई
समझा नहीं, तुम समझा दो

अरे, सुनो (हाँ, कहो), कहा (अरे, सुना)
कुछ हुआ क्या? (अभी तो नहीं)
कुछ भी नहीं

बस जो चले तो सुबह से लेकर
रहूँ शाम तक मैं तेरे संग में
'गर हो सके तो मैं अपने दिल पर
तेरा नाम लिख दूँ हर एक रंग में
बातों में ना उलझाओ

अरे, सुनो (हाँ, कहो), हाँ, कहा (सुना)
कुछ हुआ क्या? (ओ, अभी तो नहीं)
कुछ भी नहीं

अच्छा, कभी फिर बात छेड़ेंगे
मर्ज़ी नहीं है तुम्हारी अभी
कुछ हो गया तो बड़ी होगी मुश्किल
कि छोटी उमर है हमारी अभी
मैं क्या करूँ? बतला दो

सुनो (हाँ, कहो), कहा (अरे, सुना)
कुछ हुआ क्या? (अभी तो नहीं)
कुछ भी नहीं

चली (हवा), झुकी (घटा)
कुछ हुआ क्या?
ज़रा सा कुछ हुआ तो है

ज़रा सा कुछ हुआ तो है
ज़रा सा कुछ हुआ तो है
ज़रा सा कुछ हुआ तो है
ज़रा सा कुछ...



Credits
Writer(s): R.d. Burman, Anand Bakshi
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