Pasand Aa Gai Hai Ek Kafir Haseena

पसंद आ गई है एक काफ़िर हसीना
पसंद आ गई है...

पसंद आ गई है एक काफ़िर हसीना
उमर उसकी १६ बरस, छः महीना
पसंद आ गई है...

सितमगर ने मुश्किल किया मेरा जीना
उमर उसकी १६ बरस, छः महीना
पसंद आ गई है...

जन्नत की हूरों सा दिलकश जमाल
दरिया की मौजों सी बद-मस्त चाल
जन्नत की हूरों सा दिलकश जमाल
दरिया की मौजों सी बद-मस्त चाल

शीशे के साग़र सा...
शीशे के साग़र सा नाज़ुक बदन

तो शबनम के क़तरों सा रंगीं पसीना
उमर उसकी १६ बरस, छः महीना
पसंद आ गई है...

कमसिन अभी है, वो नादान है
उल्फ़त की बातों से अनजान है
कमसिन अभी है, वो नादान है
उल्फ़त की बातों से अनजान है

उस बेख़बर को...
उस बेख़बर को नहीं कुछ ख़बर

ग़म-ए-इश्क़ से फुग गया मेरा सीना
उमर उसकी १६ बरस, छः महीना
पसंद आ गई है...

कितनी हसीं मेरी महबूब है
जोड़ी हमारी बहुत ख़ूब है
कितनी हसीं मेरी महबूब है
जोड़ी हमारी बहुत ख़ूब है

शाइर हूँ मैं तो...
शाइर हूँ मैं तो वो जान-ए-ग़ज़ल

अँगूठी है वो और मैं हूँ नगीना
उमर उसकी १६ बरस, छः महीना
पसंद आ गई है एक काफ़िर हसीना
उमर उसकी १६ बरस, छः महीना
पसंद आ गई है...



Credits
Writer(s): Anand Bakshi, Kudalkar Laxmikant, Pyarelal Ramprasad Sharma
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