Raat Akeli Hai Bujh Gaye Die

रात अकेली है, बुझ गए दिए
आके मेरे पास कानों में मेरे
जो भी चाहे कहिए, जो भी चाहे कहिए

रात अकेली है, बुझ गए दिए
आके मेरे पास कानों में मेरे
जो भी चाहे कहिए, जो भी चाहे कहिए
रात अकेली है...

तुम आज मेरे लिए रुक जाओ, रुत भी है, फ़ुर्सत भी है
तुम्हें ना हो, ना सही, मुझे तुम से मोहब्बत है
तुम आज मेरे लिए रुक जाओ, रुत भी है, फ़ुर्सत भी है
तुम्हें ना हो, ना सही, मुझे तुम से मोहब्बत है

मोहब्बत की इजाज़त है तो चुप क्यूँ रहिए?
जो भी चाहे कहिए

रात अकेली है, बुझ गए दिए
आके मेरे पास कानों में मेरे
जो भी चाहे कहिए, जो भी चाहे कहिए

सवाल बनी हुई दबी-दबी उलझन सीनों में है
जवाब देना था तो डूबे हो पसीनों मे
सवाल बनी हुई दबी-दबी उलझन सीनों में है
जवाब देना था तो डूबे हो पसीनों मे

ठनी है दो हसीनों में तो चुप क्यूँ रहिए?
जो भी चाहे कहिए

रात अकेली है, बुझ गए दिए
आके मेरे पास कानों में मेरे
जो भी चाहे कहिए, जो भी चाहे कहिए

रात अकेली है, बुझ गए दिए
हो, आके मेरे पास कानों में मेरे
जो भी चाहे कहिए, जो भी चाहे कहिए



Credits
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, S.d. Burman
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