Rula Ke Gaya

रुला के गया सपना मेरा
रुला के गया सपना मेरा
बैठी हूँ, कब हो सवेरा
रुला के गया सपना मेरा

वो ही है ग़म-ए-दिल, वो ही हैं चंदा-तारे
हाय, वो ही हम बे-सहारे
वो ही है ग़म-ए-दिल, वो ही हैं चंदा-तारे
वो ही हम बे-सहारे

आधी रात वो ही है
और हर बात वो ही है
फिर भी ना आया लुटेरा

रुला के गया सपना मेरा
बैठी हूँ, कब हो सवेरा
रुला के गया सपना मेरा

कैसी ये ज़िंदगी कि साँसों से हम ऊबे
कि दिल डूबा, हम डूबे
कैसी ये ज़िंदगी कि साँसों से हम ऊबे
कि दिल डूबा, हम डूबे

एक दुखिया बेचारी
इस जीवन से हारी
उस पर ये ग़म का अँधेरा

रुला के गया सपना मेरा
बैठी हूँ, कब हो सवेरा
रुला के गया सपना मेरा



Credits
Writer(s): S.d. Burman, Shailendra
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link