Chanda Ko Dhundne (with Dialogues)

पापा, पापा, पापा (भैया, भैया)
पापा, पापा, पापा (भैया, भैया, भैया)
पापा, हमें कहानी सुनाओ
मामा जी, कहानी नहीं गाना सुनाओ
(हाँ, भैया, गाना सुनाओ)

बच्चों, एक समय की बात सुनो
अँधियारी थी रात, सुनो
दीपक चोरी हो गया
चाँद कहीं पर खो गया
फिर क्या हुआ?

चंदा को ढूँढने सभी तारे निकल पड़े
चंदा को ढूँढने सभी तारे निकल पड़े
गलियों में वो नसीब के मारे निकल पड़े
चंदा को ढूँढने सभी तारे निकल पड़े

चंदा को ढूँढने सभी तारे निकल पड़े
चंदा को ढूँढने सभी तारे निकल पड़े
गलियों में वो नसीब के मारे निकल पड़े
चंदा को ढूँढने सभी तारे निकल पड़े

उनके नज़र का जिसने नज़ारा चुरा लिया
उनके दिलों का जिसने सहारा चुरा लिया
उस चोर की तलाश में सारे निकल पड़े
चंदा को ढूँढने सभी तारे निकल पड़े

ग़म की अँधेरी रात में जलना पड़ा उन्हें
फूलों के मसले काँटों पे चलना पड़ा उन्हें
धरती पे जब गगन के दुलारे निकल पड़े
चंदा को ढूँढने सभी तारे निकल पड़े

उनकी पुकार सुन के ये दिल डगमगा गया
हमको भी कोई बिछड़ा हुआ याद आ गया
घर आईं आप, आँसू हमारे निकल पड़े
चंदा को ढूँढने सभी तारे निकल पड़े

गलियों में वो नसीब के मारे निकल पड़े
चंदा को ढूँढने सभी तारे निकल पड़े



Credits
Writer(s): Anand Bakshi, Kudalkar Laxmikant, Pyarelal Ramprasad Sharma
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