Chanda Ko Dhundne, Pt. 2

चंदा को ढूँढने सभी तारे निकल पड़े
चंदा को ढूँढने सभी तारे निकल पड़े
गलियों में वो नसीब के मारे निकल पड़े
चंदा को ढूँढने सभी तारे निकल पड़े

चंदा को ढूँढने सभी तारे निकल पड़े
चंदा को ढूँढने सभी तारे निकल पड़े
गलियों में वो नसीब के मारे निकल पड़े
चंदा को ढूँढने सभी तारे निकल पड़े

उनके नज़र का जिस ने नज़ारा चुरा लिया
उनके दिलों का जिस ने सहारा चुरा लिया

उस चोर की तलाश में सारे निकल पड़े
चंदा को ढूँढने सभी तारे निकल पड़े

ग़म की अँधेरी रात में जलना पड़ा उन्हें
फूलों के बदले काँटों पे चलना पड़ा उन्हें

धरती पे जब गगन के दुलारे निकल पड़े
चंदा को ढूँढने सभी तारे निकल पड़े

उनकी पुकार सुन के ये दिल डगमगा गया
हमको भी कोई बिछड़ा हुआ याद आ गया

भर आई आँख, आँसू हमारे निकल पड़े
चंदा को ढूँढने सभी तारे निकल पड़े
गलियों में वो नसीब के मारे निकल पड़े
चंदा को ढूँढने सभी तारे निकल पड़े



Credits
Writer(s): Anand Bakshi, Kudalkar Laxmikant, Pyarelal Ramprasad Sharma
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