Julm-E-Ulfut Pe Hamen Log

जुर्म-ए-उल्फ़त पे हमें लोग सज़ा देते हैं
जुर्म-ए-उल्फ़त पे हमें लोग सज़ा देते हैं
कैसे नादान हैं, शोलों को हवा देते हैं
कैसे नादान हैं...

हमसे दीवाने कहीं तर के वफ़ा करते हैं
हमसे दीवाने कहीं तर के वफ़ा करते हैं
जान जाए कि रहे, बात निभा देते हैं
जान जाए...

आप दौलत के तराज़ू में दिलों को तोलें
आप दौलत के तराज़ू में दिलों को तोलें
हम मोहब्बत से मोहब्बत का सिला देते हैं
हम मोहब्बत से...

तख़्त क्या चीज़ है और लाल-ओ-जवाहर क्या है
तख़्त क्या चीज़ है और लाल-ओ-जवाहर क्या है
इश्क़ वाले तो ख़ुदाई भी लुटा देते हैं
इश्क़ वाले...

हमने दिल दे भी दिया, अहद-ए-वफ़ा ले भी लिया
हमने दिल दे भी दिया, अहद-ए-वफ़ा ले भी लिया
आप अब शौक़ से दे ले जो सज़ा देते हैं
जुर्म-ए-उल्फ़त पे हमें लोग सज़ा देते हैं



Credits
Writer(s): Roshan, Ludiavani Sahir
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