Aah Ko Chahiye Ek Umar

आह को चाहिए एक उम्र असर होने तक
आह को चाहिए एक उम्र असर होने तक
कौन जीता है तेरी ज़ुल्फ़ के सर होने तक

आशिक़ी सब्र-तलब और तमन्ना बेताब
आशिक़ी सब्र-तलब और तमन्ना बेताब
दिल का क्या रंग करूँ, ख़ून-ए-जिगर होने तक

दिल का क्या रंग करूँ, ख़ून-ए-जिगर होने तक
ख़ून-ए-जिगर होने तक, ख़ून-ए-जिगर होने तक

हमने माना कि तग़ाफुल ना करोगे लेकिन
हमने माना कि तग़ाफुल ना करोगे लेकिन
ख़ाक हो जाएँगें हम तुमको ख़बर होने तक
ख़ाक हो जाएँगें हम तुमको ख़बर होने तक

तुमको ख़बर होने तक, तुमको ख़बर होने तक
ग़म-ए-हस्ती का 'असद' किससे हो जुज़-मर्ग इलाज
ग़म-ए-हस्ती का 'असद' किससे हो जुज़-मर्ग इलाज

शमा हर रंग में जलती है सहर होने तक
शमा हर रंग में जलती है सहर होने तक
आह को चाहिए एक उम्र असर होने तक
उम्र असर होने तक, उम्र असर होने तक



Credits
Writer(s): Mirza Ghalib, Ghulam Mohammed
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