Hai Bas Ke Har Ek Unke Ishare

है बस कि हर एक उनके इशारे में निशाँ और
करते हैं मोहब्बत तो गुज़रता है गुमाँ और

या रब, ना वो समझे हैं, ना समझेंगे मेरी बात
या रब, ना वो समझे हैं, ना समझेंगे मेरी बात
दे और दिल उनको, जो ना दे मुझको ज़बाँ और
दे और दिल उनको, जो ना दे मुझको ज़बाँ और

तुम शहर में हो तो हमें क्या ग़म जब उठेंगे
तुम शहर में हो तो हमें क्या ग़म जब उठेंगे
ले आएँगे बाज़ार से जाकर दिल-ओ-जाँ और
ले आएँगे बाज़ार से जाकर दिल-ओ-जाँ और

है और भी दुनिया में सुख़न-वर बहुत अच्छे
है और भी दुनिया में सुख़न-वर बहुत अच्छे
कहते हैं कि ग़ालिब का है अंदाज़-ए-बयाँ और
कहते हैं कि ग़ालिब का है अंदाज़-ए-बयाँ और

है और भी दुनिया में सुख़न-वर बहुत अच्छे
कहते हैं कि ग़ालिब का है अंदाज़-ए-बयाँ और
कहते हैं कि ग़ालिब का है अंदाज़-ए-बयाँ और



Credits
Writer(s): Mirza Ghalib, Ghulam Mohammed
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