Bin Paani Ki Machhli Hai Tu

बिन पानी की मछली है तू
बिन पतवार की नाव
क्या जाने अब दुनिया तुझसे करेगी क्या बर्ताव

अब अकेले ही चलना पड़ेगा
अब अकेले ही चलना पड़ेगा
ज़िंदगानी के लंबे सफ़र में
अब अकेले ही चलना पड़ेगा

पाँव ज़ख़्मों से कैसे बचेंगे?
लाख काँटे हैं इस रहगुज़र में
अब अकेले ही चलना पड़ेगा

तुझको गोदी में जिसने खिलाया
आज सर से उठा उसका साया
तुझको गोदी में जिसने खिलाया
आज सर से उठा उसका साया

आज तू जिस कदर है अकेली
उतनी तन्हा ना थी उम्र-भर में
उतनी तन्हा ना थी उम्र-भर में

अब अकेले ही चलना पड़ेगा
ज़िंदगानी के लंबे सफ़र में
अब अकेले ही चलना पड़ेगा

ये भयानक अँधेरों की दुनिया
क़ातिलों और लुटेरों की दुनिया
ये भयानक अँधेरों की दुनिया
क़ातिलों और लुटेरों की दुनिया

कौन है जो तेरा हाथ थामे?
संगदिल ज़ालिमों के नगर में
संगदिल ज़ालिमों के नगर में

अब अकेले ही चलना पड़ेगा
अब अकेले ही चलना पड़ेगा
ज़िंदगानी के लंबे सफ़र में
अब अकेले ही चलना पड़ेगा

अब अकेले ही चलना पड़ेगा
अब अकेले ही चलना पड़ेगा



Credits
Writer(s): Ravi, Ludiavani Sahir
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