Ae Ri Jane Na Doongi

आली री, रोको ना कोई, करने दो मुझ को मनमानी
आज मेरे घर आए वो, प्रीतम, जिन के लिए सब नगरी छानी
आज कोई बंधन ना भाए, आज है खुल खेलन की ठानी

ए, री जाने ना दूँगी, ए, री जाने ना दूँगी
मैं तो अपने रसिक को नैनों में रख लूँगी पलकें मूँद-मूँद
ए, री जाने ना दूँगी, ए, री जाने ना दूँगी

पलकों में कुंडल डालो और देह सुगंध रचाओ
जो देखे मोहित हो जाए ऐसा रूप सजाओ आज, सखी
(ध प म रे स म प ध नि)
(ध प ध प प सा रे सा ध प रे)

आ, आज सखी पी डालूँगी मैं दरअसल जल की बूँद-बूँद
ए, री जाने ना दूँगी, ए, री जाने ना दूँगी

मधुर मिलन की दुर्लभ बेला यूँ ही बीत न जाए
ऐसी रैन जो व्यर्थ गँवाए, जीवन भर पछताए सेज सजाओ
(ध प म रे स म प ध नि)
(ध प ध प प सा रे सा ध प रे)

आ, सेज सजाओ मेरे साजन की, ले आओ कलियाँ गूँद-गूँद
ए, री जाने ना दूँगी, ए, री जाने ना दूँगी
मैं तो अपने रसिक को नैनों में रख लूँगी पलकें मूँद-मूँद
ए, री जाने ना दूँगी, ए, री जाने ना दूँगी



Credits
Writer(s): Roshan, Ludiavani Sahir
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