Kya Janu Sajan

क्या जानूँ, सजन, होती है क्या ग़म की शाम
जल उठे १०० दिए जब लिया तेरा नाम

क्या जानूँ, सजन, होती है क्या ग़म की शाम
जल उठे १०० दिए जब लिया तेरा नाम
क्या जानूँ, सजन...

काँटों में मैं खड़ी नैनों के द्वार पे
निस-दिन बहार के देखूँ सपने
काँटों में मैं खड़ी नैनों के द्वार पे
निस-दिन बहार के देखूँ सपने

चेहरे की धूल क्या, चंदा की चाँदनी
उतरी तो रह गई मुख पे अपनी

क्या जानूँ, सजन, होती है क्या ग़म की शाम
जल उठे १०० दिए जब लिया तेरा नाम
क्या जानूँ, सजन...

जब से मिली नज़र, माथे पे बन गए
बिंदिया नयन तेरे, देखो, सजना
जब से मिली नज़र, माथे पे बन गए
बिंदिया नयन तेरे, देखो, सजना

धर ली जो प्यार से मेरी कलाइयाँ
पिया, तेरी उँगलियाँ हो गईं कंगना

क्या जानूँ, सजन, होती है क्या ग़म की शाम
जल उठे १०० दिए जब लिया तेरा नाम

क्या जानूँ, सजन, होती है क्या ग़म की शाम
जल उठे १०० दिए जब लिया तेरा नाम
क्या जानूँ, सजन...



Credits
Writer(s): Rahul Dev Burman, Majrooh Sultanpuri
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