Zamane Ne Mare Jawan, Pt. 1

ज़माने ने मारे जवाँ कैसे-कैसे
ज़माने ने मारे जवाँ कैसे-कैसे
ज़मीं खा गई आसमाँ कैसे-कैसे
ज़माने ने मारे जवाँ कैसे-कैसे

पले थे जो कल रंग में, फूल में
कहीं खो गए राह की धूल में
पले थे जो कल रंग में, फूल में
कहीं खो गए राह की धूल में

हुए दर-ब-दर कारवाँ कैसे-कैसे
ज़माने ने मारे जवाँ कैसे-कैसे
ज़मीं खा गई आसमाँ कैसे-कैसे
ज़माने ने मारे जवाँ कैसे-कैसे

हज़ारों के तन जैसे शीशे हो चूर
जला धूप में कितनी आँखों का नूर
हज़ारों के तन जैसे शीशे हो चूर
जला धूप में कितनी आँखों का नूर

हैं चेहरों पे ग़म के निशाँ कैसे-कैसे
ज़माने ने मारे जवाँ कैसे-कैसे
ज़मीं खा गई आसमाँ कैसे-कैसे
ज़माने ने मारे जवाँ कैसे-कैसे



Credits
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, Rahul Dev Burman
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