Haal Dekha Jo Beqararon Ka

हाल देखा जो बेक़रारों का
हाल देखा जो बेक़रारों का
दिल लरज़ने लगा सितारों का

गुल महकते नहीं, दहकते हैं
गुल महकते नहीं, दहकते हैं
कौनसा रुख़ है ये बहारों का?
कौनसा रुख़ है ये बहारों का?

सिलसिला राएगाँ नहीं जाता

दिल की बेसाख़्ता पुकारों का
दिल की बेसाख़्ता पुकारों का

अश्क आँखों से अब नहीं रुकते
अश्क आँखों से अब नहीं रुकते
क्या भरोसा है राज़दारों का?
क्या भरोसा है राज़दारों का?



Credits
Writer(s): Iqbal, Saba Afghani
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