For Adults Only

वहाँ था घना सा अँधेरा
मगर वो नज़ारा भी क्या था!
खुला परदा, रंग बिख़रा
महफ़िल में आया तूफ़ाँ

लहराते, मचलते वो आए
जलती रात में दोनों
जिस्म से जिस्म मिलाए
खोए मस्ती में यूँ

किसे ख़बर थी ये होगा?
हुआ जो असर मेरे दिल पे
छुआ यूँ ऐसे किसी ने
मैं हो गई आज हैराँ

मदहोशी निगाहों में छाए
गहरी याद में दोनों
सुलगती साँसों में डूबे
खोए मस्ती में यूँ

हो गई मैं पसीने-पसीने
हाय, क्या किया ये किसी ने!
तौबा, मेरे होश भी छीने
बाद में जाने ना क्या हुआ!

For adults only
पूछो ना क्या हुआ

हो गई मैं पसीने-पसीने
हाय, क्या किया ये किसी ने!
तौबा, मेरे होश भी छीने
पूछो ना क्या हुआ

मुझे क्या हुआ! क्या बताऊँ!
मेरे दिल में जज़्बात जागे
लगा जैसे बन जाऊँ मैं वो
खो जाऊँ मैं भी वहाँ

लहराते, मचलते वो आए
जलती रात में दोनों
जिस्म से जिस्म मिलाए
खोए मस्ती में यूँ

हो गई मैं पसीने-पसीने
हाय, क्या किया ये किसी ने!
तौबा, मेरे होश भी छीने
बाद में जाने ना क्या हुआ!

For adults only
पूछो ना क्या हुआ
पूछो ना क्या हुआ

हो गई मैं पसीने-पसीने
हाय, क्या किया ये किसी ने!
तौबा, मेरे होश भी छीने
बाद में जाने ना क्या हुआ!

For adults only
पूछो ना क्या हुआ



Credits
Writer(s): Johri Raajesh, Rajesh Jhaveri
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