Na Jane Kya Hua

ना जाने क्या हुआ, जो तूने छू लिया
ना जाने क्या हुआ, जो तूने छू लिया
खिला गुलाब की तरह मेरा बदन

निखर-निखर गई, सँवर-सँवर गई
निखर-निखर गई, सँवर-सँवर गई
बना के आईना तुझे ऐ जान-ए-मन
ना जाने क्या हुआ, जो तूने छू लिया

बिखरा है काजल फ़िज़ा में, भीगी-भीगी हैं शामें
बूँदों की रिमझिम से जागी आग ठंडी हवा में
आजा, सनम ये हसीं आग हम ले दिल में बसा

ना जाने क्या हुआ, जो तूने छू लिया
खिला गुलाब की तरह मेरा बदन
ना जाने क्या हुआ, जो तूने छू लिया

आँचल कहाँ, मैं कहाँ हूँ, ये मुझे होश क्या है
ये बेखुदी तूने दी है, प्यार का ये नशा है
सुन ले ज़रा, साज़-ए-दिल गा रहा है नग़मा तेरा

ना जाने क्या हुआ, जो तूने छू लिया
खिला गुलाब की तरह मेरा बदन
ना जाने क्या हुआ, जो तूने छू लिया

कलियों की ये सेज महके, रात जागे मिलन की
खो जाए धड़कन में तेरी धड़कनें मेरे मन की
आ, पास आ, तेरी हर साँस में मैं जाऊँ समा

ना जाने क्या हुआ, जो तूने छू लिया
खिला गुलाब की तरह मेरा बदन
निखर-निखर गई, सँवर-सँवर गई
बना के आईना तुझे ऐ जान-ए-मन

ना जाने क्या हुआ, जो तूने छू लिया
ना जाने क्या हुआ, जो तूने छू लिया
ना जाने क्या हुआ, जो तूने छू लिया



Credits
Writer(s): Naqsh Lyallpuri, N/a Khaiyyaam
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