Jo Baat Abhi Tak Thi Dil Men

जो बात अभी तक थी दिल में
होंठों पे वो आ ही जाती है
होंठों पे वो आ ही जाती है
नादान बलम, ऐसे भी कहीं
ये प्रीत जताई जाती है?
ये प्रीत जताई जाती है?

होंठों की ज़रूरत ही क्या है
अफ़साना-ए-दिल कहने के लिए?
होंठों की ज़रूरत ही क्या है
अफ़साना-ए-दिल कहने के लिए?

चुप रह के कहानी उल्फ़त की
आँखों से सुनाई जाती है
आँखों से सुनाई जाती है
नादान बलम, ऐसे भी कहीं
ये प्रीत जताई जाती है?
ये प्रीत जताई जाती है?

जब रात को तारे खिलते हैं
तन्हाई में दो दिल मिलते हैं
जब रात को तारे खिलते हैं
तन्हाई में दो दिल मिलते हैं

जब सारा ज़माना सोता है
तब प्रीत जगाई जाती है
तब प्रीत जगाई जाती है
नादान बलम, ऐसे भी कहीं
ये प्रीत जताई जाती है?
ये प्रीत जताई जाती है?



Credits
Writer(s): Mohan Madan, Rajinder Krishan
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