Aye Dost Teri Dosti Ka

ऐ दोस्त, तेरी दोस्ती का ये अजब अंजाम है
ऐ दोस्त, तेरी दोस्ती का ये अजब अंजाम है
होता है जब भी ज़िक्र तेरा, मिलता मुझे इल्ज़ाम है
हो, ऐ दोस्त, तेरी दोस्ती का ये अजब अंजाम है

हर क़दम पर साथ चलती वो तेरी परछाइयाँ
हर क़दम पर साथ चलती वो तेरी परछाइयाँ

भटकी कहीं पर रह गई, करता मुझे बदनाम है
होता है जब भी ज़िक्र तेरा, मिलता मुझे इल्ज़ाम है
हो, ऐ दोस्त, तेरी दोस्ती का ये अजब अंजाम है

मेहरबाँ अपने-पराए रश्क से ग़ाफ़िल रहे
मेहरबाँ अपने-पराए रश्क से ग़ाफ़िल रहे

पाएँ कहाँ वो यार तुम सा, दिल-ए-आरज़ू नाकाम है
होता है जब भी ज़िक्र तेरा, मिलता मुझे इल्ज़ाम है
हो, ऐ दोस्त, तेरी दोस्ती का ये अजब अंजाम है

दिल जला बैठा है 'सागर' दिल-गिरी पे दोस्त की
दिल जला बैठा है 'सागर' दिल-गिरी पे दोस्त की

क़तरा-ए-दो-अश्क-ए-उल्फ़त, उसका बड़ा इनाम है
होता है जब भी ज़िक्र तेरा, मिलता मुझे इल्ज़ाम है
हो, ऐ दोस्त, तेरी दोस्ती का ये अजब अंजाम है
ऐ दोस्त, तेरी दोस्ती का ये अजब अंजाम है



Credits
Writer(s): Sudeep Banerji, Sagar
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