Tumhen Kaise, Pt. 1

तुम्हें कैसे मैं बताऊँ? तुम्हें कैसे मैं कहूँ?
मेरे बस में अगर हो तो मैं बस इतना ही करूँ
तुम्हें दिन भर, तुम्हें हर पल देखता ही मैं रहूँ

तुम्हें देखूँ, तुम्हें चाहूँ, तुम्हें पूजूँ हर पल
तुम्हें सोचूँ, तुम्हें समझूँ, तुम्हें माँगूँ हर पल
तुम्हें मैं गुनगुनाऊँ, तुम्हें गाऊँ हर पल
मैं तुम्हारा हूँ ऐसा दीवाना, मेरी जाँ

मेरा मरना भी तुम्ही हो, मेरा जीना भी हो तुम
मेरी मदिरा भी तुम्ही हो, मेरा पीना भी हो तुम
मेरा चाँदी भी तुम्ही हो, मेरा सोना भी हो तुम
मेरा हँसना भी तुम्ही हो, मेरा रोना भी हो तुम

मेरी सारी साँसों में तुम जैसे हो घुली
मेरी आँखें तुम्हें देखें चाहे बंद हो या खुली
मैं तुम्हारा हूँ ऐसा दीवाना, मेरी जाँ

मेरे दिल में है ये अरमाँ तुम्हें एक दिन पाऊँ
इस अंबर से भी आगे तुम्हें लेकर जाऊँ
जहाँ राहों में हो बिख़रे सब चाँद और तारे
जहाँ गीतों के बहते हो मीठे धारे

जहाँ ख़ाबों की दुनिया कभी सोई नहीं हो
जहाँ तुम हो, जहाँ मैं हूँ, और कोई नहीं हो
मैं तुम्हारा हूँ ऐसा दीवाना, मेरी जाँ



Credits
Writer(s): Javed Akhtar, Nagrath Rajesh Roshan
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