Sheeshe Se

शीशे से बनी एक लड़की पत्थर के नगर में आई
शीशे से बनी एक लड़की पत्थर के नगर में आई
वो ढूँढ रही थी मोती और पत्थर से टकराई
शीशे से बनी एक लड़की पत्थर के नगर में आई

शीशे से बनी ये लड़की इस बात से है अनजानी
शीशे से बनी ये लड़की इस बात से है अनजानी
जब रेत चमकती है तो लगती है दूर से पानी

ये फूल है सब काग़ज़ के, लेकिन वो समझ ना पाई
शीशे से बनी एक लड़की पत्थर के नगर में आई
वो ढूँढ रही थी मोती और पत्थर से टकराई

शीशे से बनी लड़की से कह दो कि ना बाद में रोना
शीशे से बनी लड़की से कह दो कि ना बाद में रोना
कुछ लोग हैं जो पीतल के कहते हैं वो ख़ुद को "सोना"

ये झूठ का पुल टूटेगा और गहरी है ग़म की खाई
ये झूठ का पुल टूटेगा और गहरी है ग़म की खाई
शीशे से बनी एक लड़की पत्थर के नगर में आई
वो ढूँढ रही थी मोती और पत्थर से टकराई



Credits
Writer(s): Javed Akhtar, Nagrath Rajesh Roshan
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