Mere Hamsafar Tujhe Kya Khabar

रात आई है मोहब्बत की कहानी लेके
चाँद निकला है तमन्ना की जवानी लेके
दिन निकलते ही मुझे दूर कहीं जाना
आख़िरी रात की आँखों में निशानी लेके

मेरे हमसफ़र, तुझे क्या ख़बर
है चला किधर मेरा कारवाँ
मेरे हमसफ़र, तुझे क्या ख़बर
है चला किधर मेरा कारवाँ
जहाँ मौत ही के हैं रास्ते
नहीं ज़िंदगी का कोई निशाँ
है चला किधर मेरा कारवाँ
मेरे हमसफ़र...

मेरी ज़िंदगी तो है रात-भर
कोई बात सुन, कोई बात कर
मेरी ज़िंदगी तो है रात-भर
कोई बात सुन, कोई बात कर

मेरी मौत मुझको बुला रही
ज़रा छेड़ दे कोई दास्ताँ
मेरे हमसफ़र...

ज़रा और भी मेरे पास आ
मुझे देख-देख के मुस्कुरा
ज़रा और भी मेरे पास आ
मुझे देख-देख के मुस्कुरा

घड़ी-दो-घड़ी की ये फ़ुर्सतें
हैं लिखी नसीब में फिर कहाँ
जहाँ मौत ही के हैं रास्ते
नहीं ज़िंदगी का कोई निशाँ
है चला किधर मेरा कारवाँ
मेरे हमसफ़र...



Credits
Writer(s): Rajinder Krishan, Hemant Kumar
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