Hai Zaroori

कभी-कभी लगे यही; "जो होना था हुआ वही
बदलना भी हवाओं का है ज़रूरी"
कभी-कभी लगे यही; "जो मिलना था मिला वही
बिखरना भी दुआओं का है ज़रूरी"

किसी के वास्ते कहाँ ज़मीं पे आया आसमाँ
ये दूरियाँ रही बस दूरियाँ

कि चोरी-चोरी चुप के से, चुप के से रोना है ज़रूरी
कि पानी-पानी अखियों का, अखियों का होना है ज़रूरी
रह गई आरज़ू एक अधूरी
कि कभी-कभी ऐसा भी, ऐसा भी होना है ज़रूरी

नासमझ थे हम जो ये भी ना समझे
"वक्त आने पर सब बदलते हैं"
मंज़िलें क्या हैं, और रास्ते क्या हैं
लोग पल भर में यहाँ रब बदलते हैं

किसी के वास्ते कहाँ किनारे आई कश्तियाँ
ये दूरियाँ रही बस दूरियाँ

कि चोरी-चोरी चुप के से, चुप के से रोना है ज़रूरी
कि पानी-पानी अखियों का, अखियों का होना है ज़रूरी
रह गई आरज़ू एक अधूरी
कि कभी-कभी ऐसा भी, ऐसा भी होना है ज़रूरी

मुस्कुराने के कितने बहाने थे
फिर भी आँखों ने क्यूँ नमी चुन ली?
दिल की बातें तो सब आसमानी थी
हम ही पागल थे इस दिल की जो सुन ली

किसी के वास्ते कहाँ मिली है रात से सुबह
ये दूरियाँ रही बस दूरियाँ

कि चोरी-चोरी चुप के से, चुप के से रोना है ज़रूरी
कि पानी-पानी अखियों का, अखियों का होना है ज़रूरी
रह गई आरज़ू एक अधूरी
कि कभी-कभी ऐसा भी, ऐसा भी होना है ज़रूरी



Credits
Writer(s): Amal Israr Mallik, Manoj Muntashir Shukla
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link