Waqt Ne Jo Bij Boyaa

वक्त ने जो बीज बोया
वो ज़मीनों पे ना दिखाई दे
किसने पाया, किसने खोया
हर घड़ी, हर पल वो गवाही दे

सदियाँ वे, हो, सदियाँ वे
सदियाँ वे, सदियाँ वे, सदियाँ वे, हो

वक्त ने जो बीज बोया
वो ज़मीनों पे ना दिखाई दे

सदियाँ वे, सदियाँ वे
सदियाँ वे, हो

कहीं समय की खिली धूप में
यादें मिली हैं कई रूप में
बिखरा-बिखरा, दर्द सहरा

ख़ाबों-ख़यालों का पेचीदा सफ़र
यादों में डूबी-डूबी शाम-ओ-सहर
अनसुने अफ़सानों में ज़ुबाँ कहती

गुज़रे लम्हों की लहरों में बहती
सदियाँ वे (सदियाँ वे)

वक्त ने जो बीज बोया
वो ज़मीनों पे ना दिखाई दे

गूँजी तेरी जो किलकारियाँ
खिल गई मेरी फुलवारियाँ
तेरा झूला, मेरी बाँहें

तेरे ही दम से मेरे दोनों जहाँ
तेरे बिना तो मर जाएगी माँ
तेरी सूनी लोरियों को ना भुला पाएँगी

मेरी ममता को दोहराएँगी
सदियाँ वे (सदियाँ वे)

वक्त ने जो बीज बोया
वो ज़मीनों पे ना दिखाई दे

सदियाँ वे, ओ
सदियाँ वे

बरसी खुदा की सारी रहमतें
लाई असर मेरी हसरतें
मैं ख़ुशी से मर ना जाऊँ

तूने पुकारा मुझे कह के जो, "माँ"
टूटी रगों में जैसे दौड़ी है जाँ
क्या कहूँ, लख़्त-ए-जिगर? साल यूँ बीते

तेरे बिन एक पल में जैसे
बीती हैं मेरी सदियाँ वे (सदियाँ वे)

वक्त ने जो बीज बोया
वो ज़मीनों पे ना दिखाई दे

खुशियों के आँसू से भीगे नयन
मेरे कलेजे की बुझी अगन
सब मुरादें पूरी हो गई

मुझ को मिला है मन्नतों का सिला
अल्लाह से अब ना मुझे कोई गिला
मेरी ममता तेरे बिन यूँ ही रह जाती अधूरी

इसको ना कर पाती पूरी
सदियाँ वे (सदियाँ वे)

हाँ, वक्त ने जो बीज बोया
वो ज़मीनों पे ना दिखाई दे

सदियाँ वे, ओ, सदियाँ वे
सदियाँ वे, सदियाँ वे
सदियाँ वे, सदियाँ वे

सदियाँ वे



Credits
Writer(s): Sameer, Sami Adnan
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