Phir Bhi Yeh Zindagi

उलझी हुईं ये डोरियाँ...
उलझी हुईं ये डोरियाँ सुलझा ले
दिल की तू सुने अगर
दिल सच्चा है, दिलवाले

राहें नहीं ऐसी तो कहीं
जहाँ कहीं कोई मोड़ नहीं
कहता है ये दिल, "अब जाने भी दे
टूटे शीशों को तू जोड़ नहीं"

राहों में दो राहें आते हैं १०० बार
क़दम-क़दम इक़रार है
क़दम-क़दम इंकार

फिर भी ये ज़िंदगी पल-भर को भी कभी रुकती ही नहीं
लहरें ये वक़्त की पल-भर को भी कभी रूकती ही नहीं
तन्हाईयाँ हैं घुल सी गईं साँसों में
क्या करें?

माना कहीं कोई भी नहीं
जिसे मिला कभी ग़म ना हो
पर हम को तो वो ग़म है जो
इक पल को भी कम ना हो

हम ने जो बाज़ी खेली, जीत नहीं पाए
अब वो तन्हाई है जो बीत नहीं पाए

फिर भी ये ज़िंदगी पल-भर को भी कभी रुकती ही नहीं
लहरें ये वक़्त की पल-भर को भी कभी रूकती ही नहीं
तन्हाईयाँ हैं घुल सी गईं साँसों में (तन्हाईयाँ)
क्या करें?

अंगड़ाई लेती हैं फिर से उम्मीदें
पलकों पे छाए जो सपने
जाग उठते हैं फिर जैसे दिल में
अरमाँ जो सोए थे अपने
जाना है किस रस्ते ये भी ना तू जाने
क्यूँ है दिल दीवाने?

फिर भी ये ज़िंदगी पल-भर को भी कभी रुकती ही नहीं
लहरें ये वक़्त की पल-भर को भी कभी रूकती ही नहीं
तन्हाईयाँ हैं घुल सी गईं साँसों में
क्या करें?

हो, उलझी हुईं ये डोरियाँ...
उलझी हुईं ये डोरियाँ सुलझा ले
दिल की तू सुने अगर
दिल सच्चा है, दिलवाले



Credits
Writer(s): Javed Akhtar
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