Phir Wahi Raat

फिर वही रात है
फिर वही रात है ख़ाब की

फिर वही रात है
फिर वही रात है ख़ाब की
हो, रात भर ख़ाब में देखा करेंगे तुम्हें
फिर वही रात है

मासूम सी नींद में जब कोई सपना चले
हो, हम को बुला लेना तुम पलकों के परदे तले
हो, ये रात है ख़ाब की, ख़ाब की रात है
फिर वही रात है

फिर वही रात है
फिर वही रात है ख़ाब की

काँच के ख़ाब हैं, आँखों में चुभ जाएँगे
हो, पलकों में लेना इन्हें, आँखों में रुक जाएँगे
हो, रात है ख़ाब की, ख़ाब की रात है
फिर वही रात है

फिर वही रात है
फिर वही रात है ख़ाब की
फिर वही रात है
फिर वही रात है ख़ाब की
रात है ख़ाब की
Hmm, रात है ख़ाब की



Credits
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, Rahul Dev Burman
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link