Sakhi Prem

সখী, ভাবনা কাহারে বলে
সখী, যাতনা কাহারে বলে
তোমরা যে বলো দিবস-রজনী 'ভালোবাসা ভালোবাসা'
সখী, ভালোবাসা কারে কয়!
সে কি কেবলই যাতনাময়

सखी प्रेम किसे कहते हैं?
सखी पीड़ा किसे कहते हैं?

रात और दिन जो तुम जपती हो
प्रेम, प्रेम, प्रेम
सखी प्रेम ये होता है क्या?
ये मन को पीड़ा ही देता है क्या?

मेरी आँखों में दुनिया निखरी हुई है
लगती है सुंदर, लगती नयी है
आँखों में दुनिया निखरी हुई है
लगती है सुंदर, लगती नयी है

नीले हैं सागर, हरियाली जंगल
पिग्ले चंदनिया, उजले से कागज
ये सब है मेरे ही जैसे देखो
ये मुस्कुराए, ये गुनगुनाए
खुशियाँ ही खुशियाँ जैसे लुटाए

ये मुस्कुराए, ये गुनगुनाए
खुशियाँ ही खुशियाँ जैसे लुटाए
ना इनमें पीड़ा, ना इनमें आँसू
ना अपने मन ये कोई दुःख छुपाए

सखी प्रेम किसे कहते हैं?
सखी पीड़ा किसे कहते हैं?

रात और दिन जो तुम जपती हो
प्रेम, प्रेम, प्रेम
सखी प्रेम ये होता है क्या?
ये मन को पीड़ा ही देता है क्या?



Credits
Writer(s): Javed Akhtar, Soumik Datta
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