Shola Hoon (Live)

शोला हूँ, भड़कने की गुज़ारिश नहीं करता
शोला हूँ, भड़कने की गुज़ारिश नहीं करता
शोला हूँ, भड़कने की गुज़ारिश नहीं करता

सच मुँह से निकल जाता है
सच मुँह से निकल जाता है, कोशिश नहीं करता
शोला हूँ, भड़कने की गुज़ारिश नहीं करता

गिरती हुई दीवार का हमदर्द हूँ, लेकिन
गिरती हुई दीवार का हमदर्द हूँ, लेकिन
चढ़ते हुए सूरज की
चढ़ते हुए सूरज की परस्तिश नहीं करता
शोला हूँ, भड़कने की गुज़ारिश नहीं करता

माथे के पसीने की महक आये ना जिस से
वो ख़ून मेरे जिस्म में
वो ख़ून मेरे जिस्म में गर्दिश नहीं करता
शोला हूँ, भड़कने की गुज़ारिश नहीं करता
शोला हूँ

हमदर्दी-ए-अहबाब से डरता हूँ, मुज़फ्फर
मकता पेश कर रहा हूँ
मुज़फ्फर वारसी का कलाम है
हमदर्दी-ए-अहबाब से डरता हूँ, मुज़फ्फर

मैं ज़ख़्म तो रखता हूँ
मैं ज़ख़्म तो रखता हूँ, नुमाईश नहीं करता
शोला हूँ, भड़कने की गुज़ारिश नहीं करता
सच मुँह से निकल जाता है, कोशिश नहीं करता

शोला हूँ, भड़कने की गुज़ारिश नहीं करता
शोला हूँ



Credits
Writer(s): Jagjit Singh, Muzaffar Warsi
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