Khushboo Jaise Log Mile

खुशबू जैसे लोग मिले अफ़साने में

खुशबू जैसे लोग मिले अफ़साने में
एक पुराना खत खोला अनजाने में
खुशबू जैसे लोग मिले अफ़साने में
खुशबू जैसे लोग मिले अफ़साने में
एक पुराना खत खोला अनजाने में
खुशबू जैसे लोग मिले अफ़साने में, अफ़साने में, अफ़साने में

शाम के साये बालिस्तों से नापे हैं

शाम के साये बालिस्तों से नापे हैं
शाम के साये बालिस्तों से नापे हैं
चाँद ने कितनी देर लगा दी आने में
खुशबू जैसे लोग मिले अफ़साने में, अफ़साने में, अफ़साने में

दिल पर दस्तक देने ये कौन आया है

दिल पर दस्तक देने ये कौन आया है
दिल पर दस्तक देने ये कौन आया है
किसकी आहट सुनता हूँ वीराने में
खुशबू जैसे लोग मिले अफ़साने में, अफ़साने में, अफ़साने में

जाने किसका ज़िक्र है इस अफ़साने में

जाने किसका ज़िक्र है इस अफ़साने में
जाने किसका ज़िक्र है इस अफ़साने में
दर्द मज़े लेता है जो दोहराने में
खुशबू जैसे लोग मिले अफ़साने में

खुशबू जैसे लोग मिले अफ़साने में
एक पुराना खत खोला अनजाने में
खुशबू जैसे लोग मिले अफ़साने में, अफ़साने में, अफ़साने में



Credits
Writer(s): Gulzar, Ghulam Ali
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