Dil Jo Na Keh Saka

मैंने तुझे पा के भी क्यूँ खो दिया है
आज इस बात पे दिल रो दिया
मैंने तुझे पहले कभी ना जो दिया है
आज इस दिल ने तुझे वो दिया

तू था मेरा, ये ना क्यूँ जाना
मिला दे, मिला दे फिर ज़रा

दिल जो ना कह सका, वो कहा है
तुझसे बिछड़ के क्या-क्या सहा है
दिल जो ना कह सका, वो कहा है
तुझसे बिछड़ के क्या-क्या सहा है

मैंने तुझे पा के भी क्यूँ खो दिया है
आज इस बात पे दिल रो दिया

दिल के सिरहाने तेरी रखी हैं बातें सारी
सुनती रहती हूँ उन्हें मैं तन्हा

हो, हर पल तेरी यादों का
है सपना अब आँखों का
तेरे बिना मैं कब रहा

दिल जो ना कह सका, वो कहा है
तुझसे बिछड़ के क्या-क्या सहा है
दिल जो ना कह सका, वो कहा है
तुझसे बिछड़ के क्या-क्या सहा है

मैंने तुझे पा के भी क्यूँ खो दिया है
आज इस बात पे दिल रो दिया

तकती रही मैं राहें फैला के अपनी बाँहें
तेरा ही चेहरा दिखे हर जगह

रातों के खाली पन्ने
तड़पा हूँ मन ही मन में
जीना था मेरा तो सज़ा

दिल जो ना कह सका, वो कहा है
तुझसे बिछड़ के क्या-क्या सहा है
दिल जो ना कह सका, वो कहा है
तुझसे बिछड़ के क्या-क्या सहा है

मैंने तुझे पा के भी क्यूँ खो दिया है
आज इस बात पे दिल रो दिया

दिल जो ना कह सका
दिल जो ना कह सका
हाँ, दिल जो ना कह सका
दिल जो ना कह सका



Credits
Writer(s): A.m. Turaz
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