Alvida

जाने कैसे टूटे रिश्तों से बिखरे हैं ये पल
मानो जैसे ग़म की पलकों से छलके हैं ये पल
क्यूँ अधूरी ये कहानी, क्यूँ अधूरा ये फ़साना
क्यूँ लकीरों में इसके अलविदा

उमर भर का साथ दे जो, क्यूँ वो ही प्यार हो
क्यूँ न मिट के जो फना हो, वो भी प्यार हो
ना अधूरी ये कहानी, ना अधूरी ये फ़साना
मर के भी ना हम कहेंगे अलविदा

बैरिया मेरे रब्बा, क्यूँ हुआ मेरे रब्बा
यूँ ना ढामी, यूँ ना ढामी
दो दिलां दी ये कहानी

मिट भी जाऊं, ना मिटे ये कैसी प्यास है
दूरियों में खो के भी तू मेरे पास है
क्यूंकि तू मेरी कहानी, क्यूंकि तू मेरा फ़साना
अब कभी फिर ना है कहना अलविदा

तेरी यादों को सहलाता हूँ (याद कितना)
पल में बन के बिखरता हूँ
जिस जहां में खो गयी हो तुम
क्या नहीं है वहाँ, टूटी तन्हाइयों का ग़म
बैरिया मेरे रब्बा...
जाने कैसे टूटे रिश्तों...



Credits
Writer(s): Ehsaan Noorani, Shankar Mahadevan, Loy Mendonsa, Niranjan Iyengar
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link