Do Anjaane

दो अनजाने गुमशुदा रात में क्यूँ मिले?
दो अनजाने गुमशुदा रात में क्यूँ मिले?

कोई तारा टूटा होगा, कोई अपना छूटा होगा
भटकी हुई किसी कश्ती को किनारा दिखा होगा
कोई तारा टूटा होगा, कोई अपना छूटा होगा
भटकी हुई किसी कश्ती को किनारा...

दो अनजाने गुमशुदा रात में क्यूँ मिले?

अंजाने रास्ते थे, जुड़ गए
मुश्किलें थीं जो राहों में, मुड़ गए
अंजाने रास्ते थे, जुड़ गए
मुश्किलें थीं जो राहों में, मुड़ गए

एक फ़लक रोशनी सी खिल गई
एक सितारा खिला होगा

दो अनजाने गुमशुदा रात में क्यूँ मिले?

जाने क्यूँ ये लगे, मैं जानूँ ना
एहसास अंजाना, पहचानूँ ना
जाने क्यूँ ये लगे, मैं जानूँ ना
एहसास अंजाना, पहचानूँ ना

आज फ़िर ज़िंदगी को कोई सहारा मिला होगा

दो अनजाने गुमशुदा रात में क्यूँ मिले?

क्यूँ मिले?
क्यूँ मिले?



Credits
Writer(s): Munish Makhija, Kaustav Narayan Niyogi
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