Shola Ulfut Ka Bhadka Ke

शोला उल्फ़त का भड़का के
मेरे दिल में आग लगा के ना तरसाइए
हम तो कब से हुए तुम्हारे
चुप थे लाज-शरम के मारे, जी फरमाइए

ओ, शोला उल्फ़त का भड़का के
मेरे दिल में आग लगा के ना तरसाइए
हम तो कब से हुए तुम्हारे
चुप थे लाज-शरम के मारे, जी फरमाइए

दीवाना आ गया राहों में आपकी
जीने का शौक़ है बाँहों में आपकी
दीवाना आ गया राहों में आपकी
जीने का शौक़ है बाँहों में आपकी

दिन है बहार के, मौसम है प्यार का
कहिए, इरादा क्या है आख़िर सरकार का
आख़िर सरकार का?

शोला उल्फ़त का भड़का के
मेरे दिल में आग लगा के ना तरसाइए
हम तो कब से हुए तुम्हारे
चुप थे लाज-शरम के मारे, जी फरमाइए

उल्फ़त का बोझ यूँ दिल पर ना डालिए
ज़ालिम शबाब है, ख़ुद को सँभालिए
उल्फ़त का बोझ यूँ दिल पर ना डालिए
ज़ालिम शबाब है, ख़ुद को सँभालिए

सब कुछ ये प्यार की मस्ती का जोश है
नज़रों में आप है, फिर किसको होश है
फिर किसको होश है

शोला उल्फ़त का भड़का के
मेरे दिल में आग लगा के ना तरसाइए
हम तो कब से हुए तुम्हारे
चुप थे लाज-शरम के मारे, जी फरमाइए

ओ, शोला उल्फ़त का भड़का के
मेरे दिल में आग लगा के ना तरसाइए
हम तो कब से हुए तुम्हारे
चुप थे लाज-शरम के मारे, जी फरमाइए



Credits
Writer(s): Ravi Shankar Sharma, Shakeel Badayuni
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