Aawaz Do

होके बेचैन ढूँढ रहा है ये दिल
तेरे बग़ैर यहाँ मुश्किल ही मुश्किल

अब तो सूरज भी ढलने लगा
आसमाँ रंग बदलने लगा
कहाँ हो तुम? आवाज़ दो
कहाँ हो तुम? आवाज़ दो

तू ना आई तो मैं आ गया
तेरे शहर में भटक रहा
तू ना आई तो मैं आ गया
तेरे शहर में भटक रहा
ढूँढता तुझको फिर रहा
तेरी झलक को तरस गया

अब तो अँधेरा भी होने लगा
घना चारों ओर छाने लगा
कहाँ हो तुम? आवाज़ दो
कहाँ हो तुम? आवाज़ दो

होके जुदा तुझसे हैं ग़म ही ग़म
याद आती है तेरी अब हर-दम
होके जुदा तुझसे हैं ग़म ही ग़म
याद आती है तेरी अब हर-दम
सारे जहाँ में कुछ भी ना भाए
देखूँ ना तुझे तो रहा ना जाए

अब तो कहीं पे तू आजा नज़र
आँखें ढूँढें ये तुझे चारों पहर
कहाँ हो तुम? आवाज़ दो
कहाँ हो तुम? आवाज़ दो

कहाँ हो तुम? आवाज़ दो
कहाँ हो तुम? आवाज़ दो



Credits
Writer(s): Sachin Pathak, Suresh Mandal
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link