Na Keh Do To

ना कह दो मैं हार मान लूँ
मौन तुम्हारा सह देता है
ना कह दो मैं हार मान लूँ
मौन तुम्हारा सह देता है

कितनी गहरी प्यार में चुभती
कितनी गहरी प्यार में चुभती
बिन खोले मुँह कह देता है
ना कह दो मैं हार मान लूँ
मौन तुम्हारा सह देता है

बंद होंठ से हँस देती हो
नागिन जैसी डँस लेती हो
अंग-अंग पे नशा है तेरा
आज नहीं दिल बस में मेरा

बंद होंठ से हँस देती हो
नागिन जैसी डँस लेती हो
अंग-अंग पे नशा है तेरा
आज नहीं दिल बस में मेरा

चाहत भी, कुछ कर ना पाऊँ
अब कैसे ना प्यार मान लूँ
ना कह दो मैं हार मान लूँ
मौन तुम्हारा सह देता है

फ़लक उठे तो लंबी गिर के
मानों मुक्त-ए-सर का पर्दा
कहाँ चली हो नज़र झुका के?
हौले-हौले दिल को चुरा के

फ़लक उठे तो लंबी गिर के
मानों मुक्त-ए-सर का पर्दा
कहाँ चली हो नज़र झुका के?
हौले-हौले दिल को चुरा के

प्रेम, सुधा, रत हो आसूँ की
कैसे ना मैं हार माँ लूँ
ना कह दो मैं हार मान लूँ
मौन तुम्हारा सह देता है

ना कह दो मैं हार मान लूँ
मौन तुम्हारा सह देता है

कितनी गहरी प्यार में चुभती
कितनी गहरी प्यार में चुभती
बिन खोले मुँह कह देता है
ना कह दो मैं हार मान लूँ
मौन तुम्हारा सह देता है



Credits
Writer(s): Laxmi Vasant, H.n Singh
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