Aaina

मैं रहूँ तेरे सामने, बना ले मुझे आईना
कि मेरे हर लफ़्ज़ का तू ही एक मायना
मैं रहूँ तेरे सामने, बना ले मुझे आईना
कि मेरे हर लफ़्ज़ का तू ही एक मायना

तू चाहे इल्ज़ाम दे, या फिर कर ले गिला
सहूँगा हर दर्द मैं जो मुझे बस तू मिला
मैं रहूँ तेरे सामने, बना ले मुझे आईना
कि मेरे हर लफ़्ज़ का तू ही एक मायना

तू है जहाँ पे मेरी जुस्तजू
होके तुझसे ही तो रू-ब-रू मुझे मरहम मिला
और तभी तेरी आँखों से उतरी हँसी
मेरे होंठों पे आ के बसी, मुझे हमदम मिला

मेरे हाथों की इन लकीरों में बस जा
मैं आया तुझे थामने, थामने
मैं रहूँ तेरे सामने, बना ले मुझे आईना
कि मेरे हर लफ़्ज़ का तू ही एक मायना

बस यूँ तेरी बाँहों में बैठी रहूँ
राज़ दिल के तुझी से कहूँ, तो चले सिलसिला
जो कभी एक लमहा लगे एक सदी
मैं दोबारा बनूँ अजनबी, मुझे ख़ुद से मिला

कहानी ये दो रूह के कशमकश की
लिखी है इसी शाम ने
मैं रहूँ तेरे सामने, बना ले मुझे आईना
कि मेरे हर लफ़्ज़ का तू ही एक मायना



Credits
Writer(s): Arko
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