Tum Se Hi

दो दिल सफ़र में निकल पड़े, जाना कहाँ क्यूँ फ़िकर करें
कहाँ ठिकाना हो रात का, सुबह कहाँ पे बसर करें
खोया-खोया दिल मेरा कहता है
हाँ, तुम से ही, बस तुम से ही, मेरी जान है बस तुम से ही
दिल को मेरे आराम है, परेशान है बस तुम से ही

जो दर्द को सुकून दे, वो दर्द तुम से मिलता है
ऐ दिल ज़रा इतना बता, क्यूँ इश्क़ उन से होता है?
साँसों को अब जीने का जैसे सहारा मिल गया
खोया-खोया दिल मेरा कहता है
Hmm, तुम से ही, बस तुम से ही, मेरी जान है बस तुमसे ही
दिल को मेरे आराम है, परेशान है बस तुम से ही

आशिक़ी होती है क्या, दिल को मेरे मालूम न था
एक भी तेरी तरह चेहरा कोई मासूम न था
हो, यूँ लगा इस जान में एक जान से दो खिल गए
अब तो हर लम्हा मुझसे कहता है
हाँ-हाँ, तुम से ही, बस तुम से ही, मेरी जान है बस तुमसे ही
दिल को मेरे आराम है, परेशान है बस तुम से ही

तुम से ही...



Credits
Writer(s): Ankit Tiwari, Payam Saeedi
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