Dil Ki Purani Sadak

दिल की पुरानी सड़क पर
बदला तो कुछ भी नहीं
मुझे थाम कर चल रहा है
तू ही बस, तू ही हर कहीं

नए फूल दिल की जमीं पे खिलेंगे
है मिलना हमें फिर से, मिल के रहेंगे
सितारे वहीं हैं, वहीं आसमाँ है
मेरी धड़कनों में तेरी दास्ताँ है
मैं आवारा लम्हा, तू मेरा मकाँ

कैसे जुदा होते हम-तुम?
बिछड़े ही जब हम नहीं
मुझे थाम कर चल रहा है
तू ही बस, तू ही हर कहीं

ना साँसो से शिकवा, ना मिटने का डर है
तुझी से, तुझी तक ये मेरा सफ़र है
तुझे सोचता हूँ तो खुशबू सी बरसे
अँधेरों से मेरे उजाले यूँ छलके
के दरिया बहे जैसे एक नूर का

तू रूह का हमनवा है
ये जिस्मों का रिश्ता नहीं
मुझे थाम कर चल रहा है
तू ही बस, तू ही हर कहीं

दिल की पुरानी सड़क पर
बदला तो कुछ भी नहीं
मुझे थाम कर चल रहा है
तू ही बस, तू ही हर कहीं



Credits
Writer(s): Samidh Kumar Mukerjee, Urvi, Vijay Vijawatt
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