Bajti Na Agar Radha, From ''Bajti Na Agar Radha''

बजती ना अगर राधा की पायल
श्याम ना बँसी कभी बजाते

जनम-जनम की बिरह राधे
तनते सुहागन बनते
लाज भरी उलझन में उलझी
खोजे सपने मन के

छेड़ गई पुरवैया पायल
नन्हें नूपुर छुम छनके
बिख़रे जो सुर, धुन में बदले
"राधे कहाँ हो", बस ये गाते

बजती ना अगर राधा की पायल
श्याम ना बँसी कभी बजाते

अनजाने में सुर की बरखा
प्यासे मन पे बरसे
भीगी राधा थर-थर काँपे
पूछे नैन डगर से

अनजाने में सुर की बरखा
प्यासे मन पे बरसे
भीगी राधा थर-थर काँपे
पूछे नैन डगर से

क्या वो आए
जिनकी राहें देखूँ रे जीवन-भर से?
जग ने उस दिन प्रेम को जाना
जिसको पाके सब खो जाते

बजती ना अगर राधा की पायल
श्याम ना बँसी कभी बजाते



Credits
Writer(s): Hemant Kumar
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link