Har Funn Maula

हादसों के इस शहर में आज कोई आएगा
खोल देगा राज़ या फिर राज़ ख़ुद बन जाएगा
रात की आगोश में ये राज़ रहने दीजिए
कीजिएगा कल खुलासा, आज रहने दीजिए

है कोई परवाना यहाँ
जो जान पे अपनी खेलेगा?

है कोई परवाना यहाँ
जो जान पे अपनी खेलेगा?
आशिक़ी में होके फ़ना
बाँहों में शमा को ले लेगा

कितनी हसीनों पे कितनी दफ़ा ये डोला
फिर भी फ़क़ीरों का पहने हुए है चोला
इतर की शीशी है
जहाँ भी खुल जाए, हवा में घुल जाए

ਦਿਲ ਜੋਗੀ ਦਾ ਹਰ ਫ਼ਨ ਮੌਲਾ

हर फ़न मौला

आए तो कई करने इधर दिल-ए-बेक़रार की दवा
शब से सहर होते ही मगर बारी-बारी सारे हो गए हवा
आए तो कई करने इधर दिल-ए-बेक़रार की दवा
शब से सहर होते ही मगर बारी-बारी सारे हो गए हवा

शब के अँधेरे में जन्नत दिखाने वाला
मैं तो सवेरे भी दिल ना दुखाने वाला
कि मेरी बाँहों में
रात जो गुज़रे वो उम्र भर जैसी है

ਦਿਲ ਜੋਗੀ ਦਾ ਹਰ ਫ਼ਨ ਮੌਲਾ

हर फ़न मौला



Credits
Writer(s): Amitabh Bhattacharya
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