Door Se Karna Nazara

ना, ना-ना
ना-ना, ना-ना
ना-ना, ना-ना

दूर से...
दूर से करना नज़ारा, हाथ ना लगाना
पास नहीं आना, जान-ए-जाँ, ओ, जान-ए-जाँ
दूर से करना नज़ारा, हाथ ना लगाना
पास नहीं आना, जान-ए-जाँ, ओ, जान-ए-जाँ

छोड़ो, छोड़ो ना
देखो, देखो...

देखो, बदनाम ना करो रात की तन्हाई को
ऐसी बात अच्छी लगती है किसी हरजाई को

ओ, यारी वही जो चले आज भी, कल भी, परसों भी
यारी वही जो चले आज भी, कल भी, परसों भी
रात की रात में जो ख़त्म हो गया वो फ़साना क्या फ़साना

दूर से करना नज़ारा, हाथ ना लगाना, ना
पास नहीं आना, जान-ए-जाँ, ओ, जान-ए-जाँ

शम्मा पे आया घबरा के परवाना, अपने ही पंख जलाए
शम्मा को समझाए, लेकिन दीवाना जलने से बाज़ ना आए

कहते हैं "प्यार" जिसे, आग ही आग है
कहते हैं "प्यार" जिसे, आग ही आग है
आग को गले ना लगाना

दूर से करना नज़ारा, हाथ ना लगाना
पास नहीं आना, जान-ए-जाँ, ओ, जान-ए-जाँ
दूर से करना नज़ारा, हाथ ना लगाना
पास नहीं आना, जान-ए-जाँ, ओ, जान-ए-जाँ



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