Aankh Se Aankh Mila

आँख से आँख मिला, बात बनाता क्यूँ है?
आँख से आँख मिला, बात बनाता क्यूँ है?
तू अगर मुझसे ख़फ़ा है तो छुपाता क्यूँ है?
आँख से आँख मिला, बात बनाता क्यूँ है?

ग़ैर लगता है न अपनों की तरह मिलता है
ग़ैर लगता है न अपनों की तरह मिलता है
ग़ैर लगता है न अपनों की तरह मिलता है
तू ज़माने की तरह मुझको सताता क्यूँ है?

वक़्त के साथ ख़यालात बदल जाते हैं
वक़्त के साथ ख़यालात बदल जाते हैं
वक़्त के साथ ख़यालात बदल जाते हैं
ये हक़ीक़त है मगर मुझको सुनाता क्यूँ है?

एक मुद्दत से जहां काफ़िले गुज़रे ही नहीं
एक मुद्दत से जहां काफ़िले गुज़रे ही नहीं
एक मुद्दत से जहां काफ़िले गुज़रे ही नहीं
ऐसी राहों पे चराग़ों को जलाता क्यूँ है?
तू अगर मुझसे ख़फ़ा है तो छुपाता क्यूँ है?
आँख से आँख मिला, बात बनाता क्यूँ है?



Credits
Writer(s): Saeed Rahi, Jagjit Singh
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