Na Koi Umang Hai And Dialogue

भैया, hmm? अगर मेरी भाभी होती
तो ये कागद हटाकर तुम्हें हुकुम देती
कि चलो चलकर सो जाओ, सँवेरे जल्दी उठना है
और तुम झट से जा कर रज़ाई में दूबक जाते
अच्छा! hmm

और अगर हमारी माँ होती तो तुम्हें समझाती
कि बेटा अगर एक अनजान लड़की ने तुम्हें धोखा दिया
और शादी के वक़्त पर भाग गई
तो तुम क्यूँ सन्यासी-बनवासी बने जा रहे हो

अरे, पगली, मैं कहाँ सन्यासी-वन्यासी बने जा रहा हूँ
ये तो शुकर करो कि लड़की शादी से पहले भाग गई
अगर शादी के बाद भाग जाती
तो मैं किसी को मुँह दिखाने के लायक ही ना रहता

पहले तुम ये बताओ कि तुम्हें मेरी सहेलियाँ कैसी लगीं?
अच्छी हैं, बहुत अच्छी हैं, अच्छा
अब ये बताओ कि तुम्हें सब से ज़्यादा कौन पसंद है?
आशा, कुमुद, रेखा, जिसका भी नाम लो
उसी से चट मँगनी, पट ब्याह

शालू, जो तुम्हारे भैया की जीवन-संगिनी बन सके
वो इन में से कोई नहीं हैं, तो फ़िर वो कौन है?
जो भी हो, मैं उसे मना लूँगी

पिता जी का अरमान पूरा हो जाएगा
मुझे मेरी भाभी मिल जाएगी
तुम्हारा जीवन सँवर जाएगा
कौन है वो? बताओ ना भैया, तुम्हें मेरी क़सम

उस का नाम है पूनम, पूनम?
शेखर भैया की विधवा? एक बच्चे की माँ
क्या तुम पागल हो गए हो?
क्या दुनिया भर की कुँवारी लड़कियाँ मर चुकी हैं?
जो तुम ने ऐसा सोचा

या फिर विधवा वेश की आड़ में
पूनम ही तुम पर डोरे डालती रही है, शालू
शालू, ये मैं कभी सोच भी नहीं सकता था
मेरी बहन कीचड़ और गंगा जल में
फ़रक नहीं समझ सकती
तुम जा सकती हो

ना कोई उमंग है, ना कोई तरंग है
मेरी ज़िन्दगी है क्या? एक कटी पतंग है
ना कोई उमंग है, ना कोई तरंग है
मेरी ज़िन्दगी है क्या? एक कटी पतंग है
ना कोई उमंग है...

आकाश से गिरी मैं एक बार कट के ऐसे
आकाश से गिरी मैं एक बार कट के ऐसे
दुनिया ने फिर ना पूछो...
दुनिया ने फिर ना पूछो लूटा है मुझ को कैसे

ना किसी का साथ है, ना किसी का संग है
मेरी ज़िन्दगी है क्या? एक कटी पतंग है
ना कोई उमंग है...

लग के गले से अपने बाबुल के मैं ना रोई
लग के गले से अपने बाबुल के मैं ना रोई
डोली उठी यूँ जैसे...
डोली उठी यूँ जैसे अर्थी उठी हो कोई

यही दुख तो आज भी मेरे अंग-संग है
मेरी ज़िन्दगी है क्या? एक कटी पतंग है

सपनों के देवता, क्या तुझ को करूँ मैं अर्पण?
सपनों के देवता, क्या तुझ को करूँ मैं अर्पण?
पतझड़ की मैं हूँ छाया...
पतझड़ की मैं हूँ छाया, मैं आँसुओं का दर्पण

यही मेरा रूप है, यही मेरा रंग है
मेरी ज़िन्दगी है क्या? एक कटी पतंग है
ना कोई उमंग है...



Credits
Writer(s): Anand Bakshi, Rahul Burman
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link