Main Kaise Preet Lagau Ri

मैं कैसे प्रीत लगाऊँ री
मनमोहन वंशी वारे ते?
मैं कैसे प्रीत लगाऊँ री
मनमोहन वंशी वारे ते?

मैं गोरी, मेरो मनवा गोरो
मैं भोरी, मेरो मनवा भोरो

कैसे अंग छुआऊँ री
या तन और मन के कारे ते?

मैं कैसे प्रीत लगाऊँ री
मनमोहन वंशी वारे ते?

सखी-सहेली बणे है धरन की
सखी-सहेली बणे है धरन की

अरी, मैं कैसे बदराऊँ री
या गाय चरावन ते?

मैं कैसे प्रीत लगाऊँ री
मनमोहन वंशी वारे ते?

रतनन कौ शृंगार जड़ी मैं
रतनन कौ शृंगार जड़ी मैं

कैसे गाँठूँ मिलाऊँ री
या माखन चोरन हारे थे?

मैं कैसे प्रीत लगाऊँ री
मनमोहन वंशी वारे ते?

खिलती सोने की चम्पा मैं
खिलती सोने की चम्पा मैं

कैसे रूप बचाऊँ री
कारे भँवरा मतवारे ते?

मैं कैसे प्रीत लगाऊँ री
मनमोहन वंशी वारे ते?

बिना बुलाए संग ही आवै
बिना बुलाए संग ही आवै

अब तो बच नहीं पाऊँ री
वा रसिया मन के प्यारे ते

मैं कैसे प्रीत लगाऊँ री
मनमोहन वंशी वारे ते?

मनमोहन वंशी वारे ते?
मनमोहन वंशी वारे ते?



Credits
Writer(s): Roop Kumar Rathod, Sonali Rathod
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